नई ख़बर : विश्वविद्यालय इतिहास विभाग, बी. आर. आंबेडकर बिहार विश्वविद्यालय द्वारा इतिहास संकलन समिति, बिहार के तत्वाधान में "इतिहास लेखन में युवा इतिहासकारों की भूमिका" विषय पर माननीय कुलपति प्रो शैलेन्द्र चतुर्वेदी की अध्यक्षता में एकदिवसीय कार्यशाला का आयोजन 09 जुलाई 2023 को किया गया।
अपने अध्यक्षीय सम्बोधन में माननीय कुलपति महोदय ने ऐतिहासिक शोध की प्रणाली में अंतर-अनुशासनिक शोध पद्धति की चर्चा करते हुए भूगोल, राजनीति विज्ञान, समाजशास्त्र एवं विज्ञान के विषयों से जुड़ने की उपादेयता पर बल दिया। साथ ही उन्होंने भारतीय ज्ञान परंपरा एवं मानव सभ्यता के उत्पादन के बदलते पद्धतिओं को समझने की आवश्यक्ता पर प्रकाश डाला।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि-सह-विशिष्ट वक्ता डा बालमकुन्द पांडेय, राष्ट्रीय संगठन सचिव, अखिल भारतीय इतिहास संकलन योजना, नई दिल्ली ने अपने सम्बोधन में यूरोपियन केंद्रित लेखन से बाहर निकल भारतीय संस्कृति एवं विचारों पर आधृत लेखन को अपनाने पर जोर दिया। उन्होंने वेदों, पुराणों एवं उपनिषदों में अन्तर्निहित ऐतिहासिक चेतना तथा आख्यान, उपाख्यान, गाथा की प्रणाली से अतीत को जानने पर भी चर्चा की।
अखिल भारतीय इतिहास संकलन योजना के राष्ट्रीय महासचिव श्री हेमंत मजूमदार ने युवा शोधार्थिओं से भारतीय स्रोतों के आधार पर इतिहास लेखन की महत्ता पर जोर दिया। उत्तर बिहार इतिहास संकलन समिति के अध्यक्ष प्रो रामकवाल शर्मा ने ग्रामीण, कस्बों, दूरस्थ एवं परिधि के क्षेत्रों के इतिहास को प्रकाशित करने की आवश्यकता को रेखांकित किया।
उपस्थित विद्वत मंडली का स्वागत करते हुए विभागाध्यक्ष प्रो अजीत कुमार ने राष्ट्र निर्माण में युवा इतिहासकरों की भूमिका पर बल दिया और वैकल्पिक स्रोतों, लोकगीतों, लोक संस्कृति की सहायता से शहरी एवं स्थानीय इतिहास लेखन को समृद्ध करने पर जोर दिया। अपराह्न में आयोजित तकनीकी सत्र के मुख्य वक्ता प्रो जयदेव मिश्र, पटना विश्वविद्यालय, ने अद्यतन शोध की पद्धतिओं से युवा शोधार्थिओं को परिचित कराया।
प्रो पंकज कुमार रॉय ने विषय प्रवेश तथा डॉ अंशु त्यागी ने धन्यवाद ज्ञापन किया। इस अवसर पर अखिल भारतीय संपर्क प्रमुख श्री कमलेश दास , विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार प्रो संजय कुमार, भारतीय इतिहास अनुसंधान परिषद् के सदस्य प्रो राजीव रंजन, डॉ शिवेश कुमार, डॉ रमाकांत शर्मा, डॉ राजेश नायक, डॉ अर्चना पांडेय, डॉ गौतम चंद्रा, डॉ सत्य प्रकाश राय, डॉ चेतना वर्मा, डॉ वंदना, डॉ प्रांजलि, डॉ राजीव कुमार, डॉ अमर शुक्ला, डॉ संतोष अनल सहित अनेकों शिक्षाविद उपस्थित थे। वहीं विभाग के हिमांशु, अन्नू, अनुराग, मणिरंजन, बिपिन, रविरंजन, कुंदन, रणवीर, पीयूष आदि शोधार्थीयों ने आयोजन को सफल बनाने में अपना योगदान दिया।